गणेश चतुर्थी पूजा विधि: संपूर्ण अनुष्ठान
पंडित विजय कुमार
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12 दिस्, 2025
•
7 मिनट
Rituals
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।
पूजा की तैयारी
गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री:
- गणेश जी की मूर्ति
- लाल चंदन
- दूर्वा (घास)
- मोदक (लड्डू)
- फूल और पत्ते
- दीपक और अगरबत्ती
- नारियल
- सुपारी
पूजा विधि
- स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
- स्थापना: गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें
- आवाहन: गणेश जी का आवाहन करें
- स्नान: मूर्ति को जल से स्नान कराएं
- वस्त्र: गणेश जी को वस्त्र पहनाएं
- चंदन: लाल चंदन लगाएं
- दूर्वा: दूर्वा अर्पित करें
- फूल: फूल चढ़ाएं
- मोदक: मोदक का भोग लगाएं
- आरती: गणेश आरती करें
गणेश मंत्र
मुख्य गणेश मंत्र:
- "ॐ गं गणपतये नमः"
- "वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा"
- "गजाननं भूतगणादिसेवितं"
पूजा का समय
गणेश चतुर्थी की पूजा मध्याह्न (दोपहर) में करना सबसे शुभ माना जाता है।
विसर्जन
गणेश चतुर्थी के बाद 1.5, 3, 5, 7, 10 या 11 दिनों के बाद गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
लाभ
गणेश चतुर्थी की पूजा करने से:
- बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है
- सभी कार्यों में सफलता मिलती है
- बाधाएं दूर होती हैं
- धन और समृद्धि मिलती है