कुण्डली में मंगल दोष: कारण, प्रभाव और उपाय

पंडित राम शर्मा 12 दिस्, 2025 8 मिनट
Astrology

मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष, जिसे कुज दोष या मंगलिक दोष भी कहा जाता है, ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण योग है। यह तब बनता है जब कुण्डली में मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है।

मंगल दोष के प्रकार

मंगल दोष मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है:

  • निम्न मंगल दोष: जब मंगल 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में हो
  • उच्च मंगल दोष: जब मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें भाव में हो
  • अति उच्च मंगल दोष: जब मंगल कई भावों में साथ में हो

मंगल दोष के प्रभाव

मंगल दोष के कुछ संभावित प्रभाव:

  • विवाह में देरी
  • वैवाहिक जीवन में समस्याएं
  • पति-पत्नी के बीच मतभेद
  • विवाह के बाद अलगाव की संभावना

मंगल दोष के उपाय

मंगल दोष के लिए कुछ प्रभावी उपाय:

  1. मंगल मंत्र जाप: "ॐ अंग अंगारकाय नमः" का नियमित जाप करें
  2. मंगलवार व्रत: हर मंगलवार व्रत रखें और मंगल ग्रह की पूजा करें
  3. रत्न धारण: मूंगा (Red Coral) धारण करें
  4. दान करें: मंगलवार को लाल वस्तुओं का दान करें
  5. कन्यादान: मंगल दोष वाली कन्या का विवाह मंगल दोष वाले युवक से करें

निष्कर्ष

मंगल दोष एक गंभीर योग है लेकिन सही उपायों और सलाह से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है।